यहां तक कि जिस स्कूल में सिमरन पढ़ती थीं, उस स्कूल के छात्र और छात्राओं ने भी इकट्ठा होकर पट्टे को बढ़ाने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया है.
उन्होंने जानलेवा पट्टे को ख़त्म करने की मांग की. बच्चों के हाथों में तख़्तियों पर लिखा था, ''हम खिलौनों के साथ खेलना चाहते हैं, बमों के साथ नहीं.''
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने वादा किया है कि पट्टे के समझौते का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा.
इस बीच, अलगाववादी समूहों ने भी 'तोसा मैदान बचाओ फ्रंट' के पीछे अपना ज़ोर लगा दिया है.
मौलवी मक़बूल कहते हैं, ''हम उस हर शख्स के शुक्रगुजार हैं जो हमारा समर्थन करता है. लेकिन हमें तब खुशी होगी जब लोग इसमें जुड़ेंगे. अगर हम इसका राजनीतिकरण करेंगे तो प्रशासन को बहाना मिल जाएगा.''
भारतीय सेना के पूरे कश्मीर में बड़ी संख्या में रक्षा प्रतिष्ठान हैं. सेना ने कई जगहों पर अपने प्रशिक्षण केंद्र बना रखे हैं.